कन्यादान हुआ जब पूरा
आया समय विदाई का
हँसी-ख़ुशी सब काम हुआ था
सारी रस्म अदायी का,
बेटी के उस कातर स्वर ने
बाबुल को झकझोर दिया
पूछ रही थी पापा तुमने
क्या सच में मुझको छोड़ दिया,
अपने आँगन की फुलवारी
मुझे सदा कहा करते थे तुम,
मेरे रोने को पल भर भी
बिलकुल सहा नहीं करते थे तुम
क्या इस आँगन के कोने में
मेरा कुछ भी अब स्थान नहीं
क्या मेरे रोने को पापा
क्या तुमको बिल्कुल ध्यान नहीं
देखो अन्तिम बार देहरी
लोग मुझसे पुजवाते हैं
आकर के पापा क्यों इनको
आप नहीं धमकाते हैं,
नहीं रोकती माँ और दीदी
भैया से भी आस नहीं
ऐसी भी क्या निष्ठुरता है
कोई आता मेरे पास नहीं,
बेटी की बातों को सुनकर
पिता नहीं रह सका खड़ा
उमड़ पड़े आँखों में आंसू
बदहवास-सा दौड़ पड़ा,
कातर बछिया- सी वह बेटी
लिपट पिता से रोती थी,
जैसे यादों के अक्षर वह
अश्रु-बिंदु से धोती थी,
मान को लगा गोद से कोई
मानो सब-कुछ छीन चला
फूल सभी घर की फुलवारी से
कोई सारे बीन चला,
छोटा भाई भी कोने में बैठा
सुबह से ही सुबक रहा,
उसको कौन करेगा चुप
अब वह कोने में दुबक रहा,
बेटी के जाने पर घर ने
जाने क्या-क्या खोया है,
कभी न रोने वाला पिता भी
आज फूट-फूट कर रोया है।
ऋचा श्रीवास्तव।
20-10-2016, पटना।
आया समय विदाई का
हँसी-ख़ुशी सब काम हुआ था
सारी रस्म अदायी का,
बेटी के उस कातर स्वर ने
बाबुल को झकझोर दिया
पूछ रही थी पापा तुमने
क्या सच में मुझको छोड़ दिया,
अपने आँगन की फुलवारी
मुझे सदा कहा करते थे तुम,
मेरे रोने को पल भर भी
बिलकुल सहा नहीं करते थे तुम
क्या इस आँगन के कोने में
मेरा कुछ भी अब स्थान नहीं
क्या मेरे रोने को पापा
क्या तुमको बिल्कुल ध्यान नहीं
देखो अन्तिम बार देहरी
लोग मुझसे पुजवाते हैं
आकर के पापा क्यों इनको
आप नहीं धमकाते हैं,
नहीं रोकती माँ और दीदी
भैया से भी आस नहीं
ऐसी भी क्या निष्ठुरता है
कोई आता मेरे पास नहीं,
बेटी की बातों को सुनकर
पिता नहीं रह सका खड़ा
उमड़ पड़े आँखों में आंसू
बदहवास-सा दौड़ पड़ा,
कातर बछिया- सी वह बेटी
लिपट पिता से रोती थी,
जैसे यादों के अक्षर वह
अश्रु-बिंदु से धोती थी,
मान को लगा गोद से कोई
मानो सब-कुछ छीन चला
फूल सभी घर की फुलवारी से
कोई सारे बीन चला,
छोटा भाई भी कोने में बैठा
सुबह से ही सुबक रहा,
उसको कौन करेगा चुप
अब वह कोने में दुबक रहा,
बेटी के जाने पर घर ने
जाने क्या-क्या खोया है,
कभी न रोने वाला पिता भी
आज फूट-फूट कर रोया है।
ऋचा श्रीवास्तव।
20-10-2016, पटना।
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