एक भाई ने किया बहन से सवाल
बोल इस राखी पर तुझे क्या चाहिए उपहार,
सोना दूँ, चाँदी दूँ या दूँ ख़रीद कर मोटरकार।
बहन ने कहा, प्यार का कोई सौदा नहीं होता
कोई भी तोहफ़ा रिश्तों से बढ़ कर नहीं होता।
फ़िर भी देना चाहते हो कोई उपहार
तो करो वादा इस साल,
रखोगे माँ-बाप का हमेशा तुम ख़्याल।
ये वो अनमोल तोहफ़ा है जिसे देखने को
हम बहनों की आँखें तरस जाती हैं।
दिल ख़ैरियत जानने को मचल जाता है
पूरा वक़्त हमारा फ़ोन पर ही गुज़र जाता है
इसलिए इस राखी पर बस इतना करना वायदा
रखोगे ख़्याल तुम उनका ख़ुद से भी ज़्यादा।
बहन तो वो पराई फ़सल है जिसे उखाड़ कर
कहीं भी फेंक दो, वह जड़ पकड़ लेती है
लेकिन माँ-बाप की जड़ें तो सीधा ईश्वर के दिल से जुड़ी होती हैं।
जिसने भी इन्हें सींचा उसने स्वर्ग का सुख पाया है
धन्य है तुम्हारी क़िस्मत जिसने ये अनमोल रतन पाया है।
ऋचा श्रीवास्तव
05-08-2016
पटना।
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