Thursday, April 7, 2016

"प्रार्थना के पूर्व"


ईश्वर सबसे बुद्धिमान और सबसे होशियार है। 
उसको सबकी ख़बर है, उसकी सब पर नज़र है। 

जो हम बोल रहे हैं, वो उससे ज़्यादा सुन पा रहा है 
जो हम देख रहे हैं, वो उससे ज़्यादा देख पा रहा है। 
हम जिस लायक हैं, उसने उतना दे रख है। 

ईश्वरीय कृपा पर विश्वास हो जाने पर 
प्रलोभन और आशा से मुक्ति मिल जाती है 

क्यूँकि ईश्वर से कुछ आशा करना 
उसे छोटा करना है। 

"ऋचा श्रीवास्तव"
पटना, बिहार